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वेद सभी धन का स्रोत है: सच्चिदानंद स्वामी

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वेद सभी धन का स्रोत है: सच्चिदानंद स्वामी

मैसूर। Satchidananda Swami : मैसूर में स्थित श्री श्री गणपति सच्चिदानंद स्वामीजी ने वेदपीठ में हवन व चारों वेदों की विशेषता पर उपदेश दिया कि वेदों में ऐसे मंत्र हैं जो मनुष्य के अस्तित्व के लिए आवश्यक अंतरात्मा को आराम प्रदान करते हैं और ऐसे वेद सभी तरह ऐश्वरैयं रूपी धन का स्रोत बनेगा कहा हैं।

Satchidananda Swami : श्री स्वामीजी ने मैसूर दत्ता पीराम में टीटीडी द्वारा आयोजित ‘श्रीनिवास चतुर्वेद हवन’ के चौथे दिन शनिवार को अपने भाषण में वैदिक हवन की शक्ति को समझने की आवस्यकता पर अवगत कराया। श्रीनिवास कहते हैं कि चतुर्वेद हवन में सभी वेदों के मंत्रों से यज्ञ की पूजा की जाती है और वेद में सभी जीवों की इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति है।

Satchidananda Swami : उन्होंने समझाया कि आज मनुष्य की सभी इच्छाओं को पैसे से बंधा हुआ माना जाता है, और हम आमतौर पर दो या तीन पीढयि़ों को उन लोगों के घरों में खड़े देखते हैं जिन्होंने पैसा कमाया है, लेकिन यह कि लक्ष्मी नौ पीढयि़ों से अधिक परिवारों में खड़ी रहती है। जिन्होंने अद्भुत वैदिक आशीर्वाद प्राप्त किया है। स्वामीजी ने समझाया कि मनुष्य के लिए सर्वोत्तम लोक भी वैदिक उपासना से ही सरलता से संभव है, अत: यह चतुर्वेद विनाश सभी श्रीवारी भक्तों को दीर्घायु और स्वास्थ्य प्रदान करेगा।

Satchidananda Swami : चतुर्वेदा हवन में टीटीडी के अध्यक्ष श्री वाई वी सुब्बारेड्डी ने भाग लिया। इस अवसर पर सभापति ने कहा कि धर्मप्रचार के अंग के रूप में स्वामीजी के सहयोग से संबंधित क्षेत्रों में ऐसे चतुर्वेद हवन का आयोजन किया जाएगा . तत्पश्चात गोपूजा, अश्वपूजा और मंतपराधना के साथ चतुर्वेद हवन किया गया।.

शाम के ज्ञान यज्ञ के हिस्से के रूप में, श्री वेंकटेश्वर उच्च धर्मशास्त्रीय संस्थान के अधिकारी डॉ अकेला विभीषण शर्मा ने वेद भारती में यज्ञ सामग्री और महिमा का विश्लेषण किया। नाडा यज्ञ के भाग के रूप में, श्री गणपति सच्चिदानंद स्वामी आश्रम भजन मंडली समूह ने विष्णु कीर्तन और पंडारी भजन गाए। इस कार्यक्रम में कई वैदिक विद्वानों, वैदिक विद्वानों और भक्तों ने भाग लिया।